रणथंभोर दुर्ग की जानकारी और इतिहास | Ranthambore fort History in Hindi

रणथंभोर दुर्ग 

रणथंभोर दुर्ग राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। इस किले का निर्माण अजमेर के चौहान शासकों द्वारा करवाया गया था। 


निर्माण :- रणथंभनदेव ने करवाया था। 

रणथंभोर दुर्ग के अन्य नाम :- इस दुर्ग को चित्तौड़ दुर्ग का छोटा भाई कहा जाता है। इसे दुर्गाधिपति के नाम से भी जाना जाता है। 

रणथंभोर दुर्ग की विशेषता :-
  • यह दुर्ग अंडाकार पहाड़ी पर होने के कारण दूर से दिखाईं नही देता है। इस दुर्ग को अंडाकार आकृति वाला दुर्ग भी कहा जाता है। 
  • यह दुर्ग विषम आकृति की सात पहाड़ियों से घिरा हुआ है। 
  • इस दुर्ग की एक विशेषता यह भी है की यह वन दुर्ग और गिरी दुर्ग दोनो को श्रेणी में आता है। 

रणथंभोर दुर्ग के बारे में इतिहासकरो के कथन :-


अबुल फजल ने रणथंभोर दुर्ग के बारे में कहा था की अन्य सभी दुर्ग नंगे है। जबकि यह दुर्ग बख्तरबंद है। 

जलालुदीन खिलजी ने रणथंभोर दुर्ग के बारे में कहा था में ऐसे 10 दुर्गों को मुसलमानों के एक बाल के बराबर भी नहीं समझता हू। 

अमीर खुसरो ने रणथंभोर दुर्ग के बारे में कहा था आज कुफ्र का गढ़ इस्लाम का घर हो गया। 

इस दुर्ग के अन्दर हम्मीर महल, रानी महल सुपारी महल, हम्मीर को कचहरी, 32 खंभों की छतरी आदि स्थित है। 

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