कुंभलगढ़ दुर्ग
कुंभलगढ़ किला राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। कुंभलगढ़ दुर्ग गिरी दुर्ग व पारिद दुर्ग का एक अच्छा उधारण है।
कुंभलगढ़ किले के अन्य नाम :-
- मेवाड़ का मेरुदंड
- मेवाड़ की संकट कालीन राजधानी
- मारवाड़ सीमा का प्रहरी
इस किले का निर्माण :- महाराणा कुम्भा ने 1458ई में करवाया था।
वास्तुकार :- मंडन ( यह गुजरात का निवासी था। )
कुंबलगढ़ दुर्ग की विशेषता :-
दुर्ग के चारों ओर 36km लंबा व 7 मीटर चौड़ा एक परकोटा बना हुआ है जिसे भारत की महान दीवार कहा जाता है। इस दीवार पर एक साथ आठ घोड़े चल सकते है।
कुंभलगढ़ दुर्ग के बारे में अब्दुल फजल का कथन :-
यह दुर्ग इतनी बुलंदी पर बना हुआ है की नीचे से ऊपर देखने पर सिर की पगड़ी भी गिर जाती है।
कुंभलगढ़ के अन्दर एक अन्त: दुर्ग है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है। यह कटारगढ़ कुम्भा का निवास स्थान था इसी कटारगढ़ को मेवाड़ की तीसरी आंख कहा जाता है।
इसी किले के बादल महल में महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। इसी किले में उदयसिंह का राज्यभिसेक हुआ था।
इस किले में अन्य देखने लायक़ जगह :- मामदेव कुंड, पृथ्वी राज सिसौदिया की छतरी, झालीबाव बावड़ी, कुंभस्वामी विष्णु मंदिर, झालीरानी का मालिया, मामदेव तालाब, आदि बने हुऐ है।